First of all, I issue my sincere apologies to all my friends and well-wishers; for publishing a new post after 2 years..... :-(
To be very frank with you all, my plight was analogous to the bird whose wings had been clipped. Everything seemed to have come to a standstill...... :-(
However, I am thankful to God for rejuvenating me with pure, divine love....... :-) The link to my blog says "In search of serenity.......". One of my best friends had said that she would pray for serenity to re-enter my life..... and her prayers have been answered at last :-) Thanks a ton to that friend of mine :-) :-) :-)
Here are some excerpts from the rejuvenated portion of my life. As Hindi is my first love, the thoughts got penned down in Hindi. Here they go :
खुशियाँ
***************************************************************************
चुराये चोर धन ,
चुराये पंछी मन ,
चुराये मनुष्य सुर्खियाँ ,
और .....
चुराये जीवन खुशियाँ !!!!!!
बगिया रूप है जीवन ,
जिसमे हैं तरह -तरह के पेड़,
कर ले हम बारी -बारी उनके गुणों का सेवन -
ताकि दे मायुसी को खदेड़ |
पतझड में जहा ये सहम जाएँ ,
बरखा में वही ये झूमे जाएँ-
फूल खिलने पर जहा ये मुस्कुराएँ,
फलों से लद जाने पर वही ये शरमाएं |
दिखाये हर मौसम ने अपने रंग ,
पर डोलते रहे ये पेड़ उसके संग -
डटे रहे ये अपने स्थान पर ,
फ़सा न सका उन्हें कोई भवर |
कर दिया मुझे शांत इन्ही हरकतो ने उनकी,
जान ली बात उन्हों ने मेरे मन की -
शिथिल हो गया वह ज्वार -भाटा ,
जो कर रहा था मेरे मन -रूपी सागर के चैतन्य में प्रतिदिन घाटा |
यदि हो जड़े मजबूत ,
तो हिला न सके उन्हें चट्टान -
ठीक वैसे ही -
यदि हो खुद बुलंद ,
तो हर गति पड जाए आपके सामने मंद |
समेट लिये ये वर्ष इन्ही बुलंदियों से,
बढ़ते चले आगे इसी स्थिरता से -
दोगे ना साथ आप मेरा, मेरे दोस्तो ,
कर देंगे दुश्मन के इरादे पस्त !!!!
To be very frank with you all, my plight was analogous to the bird whose wings had been clipped. Everything seemed to have come to a standstill...... :-(
However, I am thankful to God for rejuvenating me with pure, divine love....... :-) The link to my blog says "In search of serenity.......". One of my best friends had said that she would pray for serenity to re-enter my life..... and her prayers have been answered at last :-) Thanks a ton to that friend of mine :-) :-) :-)
Here are some excerpts from the rejuvenated portion of my life. As Hindi is my first love, the thoughts got penned down in Hindi. Here they go :
खुशियाँ
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चुराये चोर धन ,
चुराये पंछी मन ,
चुराये मनुष्य सुर्खियाँ ,
और .....
चुराये जीवन खुशियाँ !!!!!!
बगिया रूप है जीवन ,
जिसमे हैं तरह -तरह के पेड़,
कर ले हम बारी -बारी उनके गुणों का सेवन -
ताकि दे मायुसी को खदेड़ |
पतझड में जहा ये सहम जाएँ ,
बरखा में वही ये झूमे जाएँ-
फूल खिलने पर जहा ये मुस्कुराएँ,
फलों से लद जाने पर वही ये शरमाएं |
दिखाये हर मौसम ने अपने रंग ,
पर डोलते रहे ये पेड़ उसके संग -
डटे रहे ये अपने स्थान पर ,
फ़सा न सका उन्हें कोई भवर |
कर दिया मुझे शांत इन्ही हरकतो ने उनकी,
जान ली बात उन्हों ने मेरे मन की -
शिथिल हो गया वह ज्वार -भाटा ,
जो कर रहा था मेरे मन -रूपी सागर के चैतन्य में प्रतिदिन घाटा |
यदि हो जड़े मजबूत ,
तो हिला न सके उन्हें चट्टान -
ठीक वैसे ही -
यदि हो खुद बुलंद ,
तो हर गति पड जाए आपके सामने मंद |
समेट लिये ये वर्ष इन्ही बुलंदियों से,
बढ़ते चले आगे इसी स्थिरता से -
दोगे ना साथ आप मेरा, मेरे दोस्तो ,
कर देंगे दुश्मन के इरादे पस्त !!!!